Aligarh Basic Education Gpf Scam Of Rs 4.92 Crore Came To Light – Amar Ujala Hindi News Live


अलीगढ़ में जिला बेसिक शिक्षा विभाग के जीपीएफ घोटाले की जांच में बेशक जिम्मेदार अफसरों पर मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। मगर जांच रिपोर्ट पर ध्यान दें तो खुद जांच अधिकारियों ने ये टिप्पणी की है कि यह जांच आधे-अधूरे दस्तावेजों से हुई है। बीएसए कार्यालय से दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसलिए गबन की रकम सिर्फ 4.92 करोड़ रुपये उजागर हुई है। इस टिप्पणी से साफ है कि अगर 2003 से लेकर 2021 तक के पूरे दस्तावेज मिलते तो गबन की रकम कई गुना अधिक होती।

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ये है जांच टीम की टिप्पणी

जनवरी 2022 में जांच अधिकारी डायट प्राचार्य डा.इंद्रप्रकाश सिंह सोलंकी, माध्यमिक शिक्षा विभाग के डबल एओ प्रशांत कुमार ने अपनी रिपोर्ट दी है। जिसमें उन्होंने जांच का पूरा विवरण देते हुए अंत में निचोड़ भी लिखा है। इसी निचोड़ में टिप्पणी करते हुए कहा है कि 2003 से 13 तक के दस्तावेजों की जांच में सर्वाधिक अनियमितताएं सामने आई हैं। इसमें काफी दस्तावेज गायब व फटे हुए मिले हैं, जबकि 2007 से 2010 तक के दस्तावेज जानबूझकर पूरी तरह गायब हैं। इसलिए गबन का सही आकलन नहीं हो सकता है। जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार सिर्फ 4.92 करोड़ रुपये का गबन उजागर हो सकता है। अगर सही जांच करानी है तो ऑडिट टीम से इसकी जांच कराई जाए। इससे जांच के समय में भी बीएसए कार्यालय की भूमिका पर सवाल उठते हैं।

अब ईओडब्ल्यू को देने होंगे साक्ष्य

बेशक बेसिक शिक्षा कार्यालय ने बेशक उस जांच टीम को साक्ष्य नहीं दिए। मगर अब पुलिस मुकदमे की विवेचना में अगर साक्ष्य नहीं दिए तो परेशानी हो सकती है। इसके लिए ईओडब्ल्यू को पूरे साक्ष्य देने होंगे। इस विषय में पहले दिन से जूनियर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष प्रशांत शर्मा कहते आ रहे हैं कि मामले में सीबीआई से जांच कराई जाए।

ये है प्रकरण

बेसिक शिक्षा विभाग में सन 2003 से लेकर 20013 तक शिक्षकों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खातों में हुए घोटाले इस अवधि में तैनात रहे 11 बीएसए, 30 बीईओ, 10 वित्त अधिकारी समेत 61 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। जिले में वर्ष 2003 से 2013 तक 520 शिक्षकों के डमी खाते खोले गए। इसके बाद उनमें चार करोड़ 92 लाख 39 हजार 749 रुपये का लेन देन किया।



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