Amit Shah Cg Visit On Four And Five April 2025: Ma Danteshwari Darshan And Naxal Meeting In Raipur – Amar Ujala Hindi News Live

Amit Shah Cg Visit On Four And Five April 2025: Ma Danteshwari Darshan And Naxal Meeting In Raipur – Amar Ujala Hindi News Live


Amit Shah CG Visit on four and five April 2025: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ रहे है। वे आज देर शाम रायपुर पहुंचेंगे। वे चार और पांच अप्रैल को छत्तीसगढ़ दौरे पर रहेंगे। चार अप्रैल को राजधानी के नवा रायपुर के होटल मेफेयर लेक रिसार्ट में ठहरेंगे। इस दौरान कुछ खास वीआईपी लोगों से ही मुलाकात कर सकते हैं। इसके बाद दूसरे दिन यानी पांच अप्रैल को बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जिले जगदलपुर और दंतेवाड़ा जाएंगे। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी का दर्शन करेंगे। इसके बाद ‘बस्तर पंडुम’ के समापन में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका भी शामिल होंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पद्मश्री, नेशलन अवार्डी भी शामिल होंगे। 

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तीन से पांच अप्रैल तक होने वाले बस्तर पंडुम में सुकमा दंतेवाड़ा, नारायणपुर के दस-दस गांव के सरपंचों को बुलाया गया है, जो गृहमंत्री के साथ भोजन के बाद चर्चा करेंगे। उसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री फोर्स के कमांडर्स के साथ बैठक लेंगे। फिर वापस रायपुर में आकर नक्सल मामले पर प्रशासनिक बैठक लेंगे। इसमें फोर्सेस प्रमुख और इंटेलिजेंस भी शामिल होंगे। बता दें कि शाह ने मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश से नक्सल मुक्त करने का संकल्प लिया है। ऐसे में ये बैठक काफी अहम मानी जा रही है। क्योंकि तय डेटलाइन के हिसाब में अब केवल सालभर मात्र बचे हैं। इसलिये इस बैठक में नक्सलियों से अंतिम निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिये रणनीति बनाई जा सकती है। बैठक के बाद शाह दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

कवि कुमार विश्वास सुनाएंगे सुनाएंगे ‘बस्तर के राम’ कथा

बस्तर पंडुम में फेमस कवि कुमार विश्वास भी आएंगे। वे ‘बस्तर के राम’ अनुपम कथा सुनाएंगे। बता दें कि वनवास काल के दौरान भगवान राम बस्तर (उस समय दंडकारण्य) में कुछ समय तक जीवन व्यतीत किये थे। कई बड़े असुरों का अंत किये थे। 

कथा के लिये क्यों अहम है बस्तर संभाग?

दंडकारण्य क्षेत्र का रामायण काल में विशेष स्थान रहा है। भगवान राम ने अपने वनवास काल का कुछ समय दंडकारण्य के जंगलों में बिताया था। डॉ. विश्वास बस्तर क्षेत्र के परिपेक्ष्य में श्रीराम के महत्व पर अपनी राम कथा “बस्तर के राम” का वाचन करेंगे। विश्वास की वाणी में जब राम कथा की गूंज बस्तर की वादियों में फैलेगी तो इसमें सिर्फ शब्द नहीं बल्कि एक भावना होगी शांति, एकता और पुनर्जागरण की। इस आयोजन के माध्यम से बस्तर क्षेत्र में श्रीराम के प्रवास का स्मरण कर अपनी समृद्ध पौराणिक विरासत का अनुभव कर सकेंगे। इस कथा के समापन पर 5 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा आयेंगे। 

संस्कृति शैली संरक्षण-संवर्धन के लिये आयोजन

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री  ने कहा कि “बस्तर पण्डुम” और “बस्तर के राम” जैसे आयोजन बस्तर क्षेत्र को भारत और विश्व से जोड़ते एक सांस्कृतिक सेतु की तरह है, जो हमारे मुख्यमंत्री साय के बस्तर क्षेत्र के समेकित विकास के संकल्प का परिचायक है। जनजातीय बाहुल्य बस्तर संभाग के स्थानीय कला, संस्कृति एवं जीवन शैली संरक्षण-संवर्धन एवं प्रोत्साहन के लिए राज्य शासन की ओर से “बस्तर पण्डुम 2025” का आयोजन किया जा रहा है। बस्तर पंडुम बस्तर संभाग की एक आदिवासी संस्कृति है। इसमें वहां की भाषा शैली, नृत्य, रहन-सहन, भाषा, खेल, आदि पर आधारित एक उत्सव है। इसमें कई गांव के लोगों भाग लिया है। उनके बीच प्रतिस्पर्धा में विजयी होंगे, उन्हें सम्मानित किया जायेगा।

क्यों कहते हैं बस्तर पंडुम?

बस्तर पंडुम बस्तर संभाग के सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा कार्यक्रम है। बस्तर के विरासत को बहुत ही कलात्मक ढंग से दिखाने का प्रयास इसमें किया गया है। बस्तर पंडुम गोंडी शब्द है जिसका अर्थ है बस्तर का उत्सव। प्रतीक चिन्ह में बस्तर की जीवनरेखा इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु वनभैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बायसन हॉर्न मुकुट, तुरही, ढोल, सल्फी और ताड़ी के पेड़ को शामिल गया है। इस प्रतीक चिन्ह के माध्यम से सरल, सहज और उम्मीदों से भरे अद्वितीय बस्तर को आसानी से जाना और समझा जा सकता है।



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