Baisakhi Snan 2025 Huge Crowd Gathered In Haridwar On Baisakhi Bathing Festival Haridwar Watch Photos – Amar Ujala Hindi News Live

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बैसाखी स्नान पर्व को लेकर एक दिन पूर्व ही शनिवार को हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। गली कूचे बाजार और मुख्य मार्ग पर पूरी तरह जाम लग गया। बैसाखी के चलते चार सुपर जोन, 13 जोन और 40 सेक्टर में क्षेत्र को बांटा गया है।

शनिवार को वरिष्ठ अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने वैशाखी स्नान पर्व लेकर पुलिस फोर्स को ब्रीफ किया। पूरे मेला क्षेत्र को 04 सुपर जोन, 13 जोन एंव 40 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। कन्ट्रोल रुम से सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से मेले क्षेत्र पर नजर रखी जाएगी। संदिग्ध गतिविधि टटोलने के लिए सादे वस्त्रों में भी पुलिसकर्मी रहेंगे मुस्तैद। बीडीएस एवं डॉग स्क्वॉड निरंतर मेला क्षेत्र में सक्रिय रहकर मेला क्षेत्र की निगरानी करेंगे।

प्रमुख स्नान पर्वों का शुभारंभ चैत्र पूर्णिमा शनिवार से हो रहा है। पूर्णिमा स्नान के साथ ही एक महीने चलने वाला वैशाख स्नान भी प्रारंभ हो जाएगा। अगले दिन बैसाखी पर्व पड़ेगा जिसे पहला मुख्य स्नान पर्व माना जाता है। पूर्णिमा स्नान हस्त नक्षत्र में होगा और इसी दिन हनुमान जयंती मनाई जाएगी।




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Baisakhi Snan 2025 Huge crowd gathered in Haridwar on Baisakhi bathing festival Haridwar Watch Photos

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बैसाखी स्नान पर्व
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण व्रत रखा जाएगा। सूर्य का मेष राशि में प्रवेश रविवार को बड़े तड़के 3.20 पर होगा और स्नान पुण्यकाल सवेरे 9.44 बजे तक बना रहेगा। संक्रांति स्नान स्वाति नक्षत्र में सोमवार को भी चलता रहेगा। एक जमाना था जब बैसाखी को वर्ष का सबसे बड़ा स्नान माना जाता था। कारण है सूर्यनारायण का मेष राशि में प्रवेश। गौरतलब है कि 12 वर्ष बाद हरिद्वार का कुंभ भी मेष राशि में ही भरता है तब बृहस्पति कुंभस्थ होते हैं। बैसाखी स्नान मुख्य रूप से पंजाब का पर्व है।


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बैसाखी स्नान पर्व
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


पंजाबी समाज इसे मेंखी के रूप में मनाता है। इसी दिन किसान फसल में दरांती लगाकर कटान शुरू करते हैं। पहले परंपरा थी कि पंजाब के लाखों किसान बैसाखी स्नान करने आते थे और ले जाया गया गंगाजल छिड़ककर फसलों का कटान शुरू करते थे। पंजाब और हरियाणा के कुछ भागों में यह परंपरा आज भी चल रही है। यद्यपि कटाई अब मशीनों से होती है।


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बैसाखी स्नान पर्व
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


विष्णु पुराण के अनुसार विशाखा नक्षत्र से उत्पन्न वैशाख मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है। विष्णु की आज्ञा से समस्त देवता इस महीने गंगा आदि पवित्र नदियों में निवास करते हैं। फलस्वरूप स्नानार्थियों की मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती है। अभीष्ठ फल प्राप्ति के लिए श्रद्धालु तीर्थों पर स्नान करने पहुंचते हैं और पूरे महीने सूर्योदय से पूर्व स्नान करते हैं। वैशाख के पूरे महीने अनेक प्रकार की कथाओं का आयोजन किया जाता है। विष्णु निमित्त भागवत कथाएं भी आयोजित की जाती हैं।

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बैसाखी स्नान
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


शास्त्रों के अनुसार विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति भी हैं और देवराज इंद्र भी। वैशाख में दान की महिमा अन्य ग्रंथों में भी गाई गई है। कहा गया है कि वैसाखी और संक्रांति का स्नान प्राणी को विष्णुलोक का अधिकारी बनाता है। सनातन संस्कृति में वैशाख, श्रावण, अश्विन और माघ मास की अपार महिमा बताई गई है। इस बार यह अद्भुत संयोग है कि हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा और अनुराधा नक्षत्र वैशाख के पहले पांच दिनों में पड़ रहे हैं। यह मिलन काफी शुभ योगों का जन्मदाता है।




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