उत्तराखंड के 10 गांवों में जल्द ही बैंकिंग सेवाएं पहुंचेंगी। शुक्रवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने लोगों को सुविधाजनक, सुरक्षित और असरदार डिजिटल बैंकिंग सुविधा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, जहां बिजली या इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है, उसका तत्काल समाधान करें।
सचिव ने कारपोरेट बैंकों को भी सरकारी बैंकों व को-ऑपरेटिव बैकों की तरह आम जनमानस को डिजिटल साक्षरता के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैंकिग सलाहकार समिति को निर्देशित किया कि बैंकिंग सेवाओं से अनाच्छादित 10 गांवों को आच्छादित करने के लिए यूपीसीएल, बीएसएनएल व उरेडा के साथ बैठक कर जल्द निस्तारण किया जाए।
बैठक में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के सहायक महाप्रबंधक राजीव पंत ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि राज्य के ऋण-जमा अनुपात में सितंबर 2024 से दिसम्बर 2024 तक एक प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। अब ऋण जमा अनुपात 54.01 प्रतिशत हो गया है। जिसे और अधिक बढ़ाने की आवश्यकता है।
सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 31 दिसंबर 2024 तक पीएमजेडीवाई में 38,95,316, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 41,07,249, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 13,36,325 और अटल पेंशन योजना में 8,34,002 खातों को आच्छादित किया गया है।
नाबार्ड एक लाख रुपये तक की विशेष सब्सिडी दे रहा
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत राष्ट्रीय औसत कवरेज 40,000 (प्रति लाख) है, जबकि उत्तराखंड राज्य में यह औसत 48.000 तक पहुंच चुका है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत राष्ट्रीय औसत ऋण राशि 62.686 रुपये है, जबकि राज्य का औसत 93,900 रुपये है।
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ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की ओर से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने वाली बैंक शाखाओं को नाबार्ड एक लाख रुपये तक की विशेष सब्सिडी दे रहा है। बैठक में अपर सचिव अभिषेक रोहेला, नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक नवीन कुमार, धीरज कुमार अरोड़ा आदि मौजूद रहे।