Cg Cm Vishnudeo Sai And Union Coal Minister G Kishan Reddy Reviewed Mineral Department Functioning – Amar Ujala Hindi News Live

Cg Cm Vishnudeo Sai And Union Coal Minister G Kishan Reddy Reviewed Mineral Department Functioning – Amar Ujala Hindi News Live


Union Coal Minister G Kishan Reddy : छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी ने आज  शुक्रवार को मंत्रालय महानदी भवन में खनिज विभाग की समीक्षा बैठक ली। इसमें खनिज संपदा, अन्वेषण कार्यों, तकनीकी नवाचारों और राजस्व उपलब्धियों की विस्तृत समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और देश की प्रगति में राज्य की अग्रणी भूमिका की बात कही। 

उन्होंने देश में वर्ष 2024-2025 में कोयला उत्पादन में 1 बिलियन टन का लक्ष्य हासिल करने पर खुशी जाहिर की और इसे पाने में छत्तीसगढ़ के योगदान को सराहा। इस मौके पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने देश के पहले लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज सफल बोलीदाता के प्रतिनिधि को सौंपे। साथ ही दंतेवाड़ा जिले के तीन और कांकेर जिले के एक लौह अयस्क ब्लॉक के प्रीफर्ड बिडर आदेश प्रदान किए।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज की यह समीक्षा बैठक प्रदेश में कोयला एवं खनन के क्षेत्र के लिए लाभदायक होगी। हम केंद्र सरकार के साथ आवश्यक समन्वय करते हुए खनन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को और अधिक प्रभावशाली बनाएंगे। विकसित भारत के निर्माण में हमारा राज्य खनिज क्षेत्र के माध्यम से एक मजबूत स्तंभ बने, यही हमारा लक्ष्य है। छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है और संसाधनों का समुचित व सतत उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में अनेक नवाचारी पहल की गई हैं। हमारे राज्य में कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, टिन, चूना पत्थर सहित कई क्रिटिकल खनिजों की उपलब्धता है, जो प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ ही देश की औद्योगिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती हैं। विकसित राष्ट्र की परिकल्पना के परिप्रेक्ष्य में सामरिक महत्व के खनिजों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए विभाग द्वारा अपनी अन्वेषण योजना में व्यापक बदलाव करते हुए क्रिटिकल खनिजों के अन्वेषण को प्राथमिकता दी जा रही है। पारदर्शिता, पर्यावरणीय उत्तरदायित्व और तकनीकी दक्षता लाने के लिए खनिज ऑनलाइन पोर्टल, ई-नीलामी प्रक्रिया, स्टार रेटिंग जैसे उपायों को अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से खनन प्रभावित क्षेत्रों के समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।

केंद्रीय खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। कोयला, लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के साथ-साथ देश का एकमात्र टिन उत्पादक राज्य होने का गौरव भी छत्तीसगढ़ को प्राप्त है। विकसित भारत के निर्माण में ‘क्रिटिकल मिनरल्स’ और खनन क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। छत्तीसगढ़ ने इस दिशा में जो अग्रणी कदम उठाए हैं, वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खनिज संसाधनों के अन्वेषण, सतत उपयोग और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़, खनिज क्षेत्र में अपनी मजबूत भूमिका निभाते हुए देश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देता रहेगा।

केंद्रीय मंत्री रेड्डी ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान देश की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा के निरीक्षण का ज़िक्र किया। उन्होंने खदान में किए जा रहे नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों की भी सराहना की। उन्होंने गेवरा में जापानी मियावाकी तकनीक से विकसित वृक्षारोपण स्थल का उल्लेख करते हुए इस पहल के वृहद स्तर पर उपयोग की भी बात कही। श्री रेड्डी ने खनन प्रभावित क्षेत्रों में पीएम सूर्य घर योजना के तहत सौर विद्युत उपलब्ध कराने की भी बात कही। उन्होंने खनन क्षेत्रों में बढ़ रहे यातायात के दबाव एवं नागरिक सुरक्षा को देखते हुए कोयला परिवहन के लिए बनाए जा रहे डेडिकेटेड कोल कॉरिडोर की प्रगति की भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री के सचिव और खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा संचालित खनन गतिविधियों एवं नीतियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खनिज संसाधनों के समुचित दोहन एवं प्रबंधन के लिए केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों का बेहतर समन्वय करते हुए कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 28 प्रकार के खनिज मौजूद हैं। हमारा राज्य देश के कुल क्षेत्रफल का मात्र 4% होने के बावजूद राष्ट्रीय खनिज उत्पादन मूल्य में 17% से अधिक का योगदान देता है और खनिज उत्पादक राज्यों में द्वितीय स्थान पर है।

खनिज राजस्व और अन्वेषण में ऐतिहासिक प्रगति का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने लगभग 14,195 करोड़ रुपये का खनिज राजस्व अर्जित किया है, जो प्रदेश की कुल आय का 23% और जीएसडीपी का 11% है। राज्य ने ई-नीलामी के माध्यम से 48 मुख्य खनिज ब्लॉक्स का सफलतापूर्वक आवंटन किया है। उन्होंने कहा कि 2024-25 की 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 32 सामरिक, क्रिटिकल व डीप सीटेड खनिजों के लिए हैं। पिछले वर्षों में ई-नीलामी के माध्यम से ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट,निकल-क्रोमियम-पीजीआई, गोल्ड जैसे महत्वपूर्ण खनिजों के 10 ब्लॉक्स आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि देश का पहला लिथियम ब्लॉक कटघोरा में सफलतापूर्वक आवंटित हुआ है, जो ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम है और यह हमारे राज्य की क्षमता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद ने बताया कि खनिज ऑनलाइन पोर्टल, क्लाउड बेस्ड व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसी पहल से पारदर्शिता एवं दक्षता सुनिश्चित की गई है। वहीं गौण खनिजों के लिए स्टार रेटिंग प्रणाली, वैज्ञानिक पद्धति से माइनिंग और पर्यावरण सुरक्षा के साथ सतत खनन को बल मिला है। उन्होंने बताया कि पूर्व खदानों के पुनर्विकास जैसे विश्रामपुर में केनपारा ईको टूरिज्म और जामुल में किन्नू गार्डन के प्रकल्प इस दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने बताया कि खनिज विकास निधि से प्रदेश के खनिज बाहुल्य अंदरूनी क्षेत्रों में रेल पथ निर्माण हेतु 720 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाएं परिवहन ढांचे को मजबूत कर रही हैं। उन्होंने बताया कि डीएमएफ पोर्टल के माध्यम से 33 जिलों में 15 हजार करोड़ से अधिक की राशि से खनन प्रभावित क्षेत्रों का समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने सौंपे लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस और लौह अयस्क ब्लॉक्स के प्रीफर्ड बिडर आदेश

मुख्यमंत्रीविष्णु देव साय और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज समीक्षा बैठक के दौरान कटघोरा लिथियम ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस अनुबंध दस्तावेज और 04 लौह अयस्क ब्लॉक्स के प्रीफर्ड बिडर आदेश सफल बोलीदाताओं को प्रदान किए। इसके साथ ही टिन खनिज के 03 भौमिकी प्रतिवेदन ई-नीलामी के माध्यम से आवंटन के लिये भारत सरकार के कोयला मंत्रालय को सौंपा गया है। चूंकि टिन सामरिक महत्व का खनिज है, इसलिए खनिज अधिनियम के तहत इसके आवंटन का अधिकार भारत सरकार के खान मंत्रालय को है। प्रदेश के खनिज विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा, सुकमा और बस्तर जिले अंतर्गत तीन ब्लॉक्स को चिन्हित किया गया है। इसमें ग्राम नेरली, जिला दंतेवाड़ा; ग्राम कुमा कोलेंग, जिला सुकमा; और ग्राम कुमा कोलेंग, जिला सुकमा एवं बस्तर शामिल हैं।

केंद्र सरकार की ओर से भारत का पहला लिथियम ब्लॉक, ई-नीलामी के माध्यम से कोरबा जिले के कटघोरा क्षेत्र में माईकी साउथ माइनिंग प्रा. लि. को 76.05% की उच्चतम बोली के साथ आवंटित किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य शासन द्वारा ई-ऑक्शन के माध्यम से दंतेवाड़ा और कांकेर जिलों के कुल चार लौह अयस्क ब्लॉक्स के लिए उच्चतम बोलीदाताओं आर्सेलर मित्तल, रूंगटा सन्स और सागर स्टोन को आवंटित किया गया है।



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