
पंजाबी बाग के मनोहर पार्क इलाके में रविवार रात खाना बनाने के दौरान सिलिंडर से गैस रिसाव के बाद एक मकान में आग लग गई। कमरे में फंसे दो मासूमों की झुलसकर मौत हो गई, वहीं इसकी मां अपनी एक बेटी के साथ बाहर सुरक्षित निकल गई। बच्चों को बचाने का प्रयास करने के दौरान मकान मालिक का बेटा झुलस गया। मकान मालिक के बेटे का दोनों हाथ और मुंह झुलस गया है। इनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।

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साक्षी और आकाश
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कमरे में फंस गए भाई-बहन
शुरुआती जांच में पता चला है कि खाना बनाने के दौरान रेगुलेटर के पास से गैस रिसाव होने के बाद आग लगी और पूरे कमरे में फैल गई। आग में 14 साल की बच्ची और उसका सात साल का भाई कमरे में फंस गया। पुलिस ने दोनों बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस ने लापरवाही से हुई मौत का मामला दर्ज कर लिया है। मृत बच्चों की पहचान 14 साल की साक्षी और सात साल के आकाश के रूप में हुई है। घायल मकान मालिक के बेटे की पहचान संदीप पाठक के रूप में हुई है।

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इसी खबर में रहता था पूरा परिवार
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मीनाक्षी आग लगते ही निकल गई बाहर
40 साल के लाल बहादुर अपनी पत्नी सविता और तीन बच्चों 14 साल की साक्षी, 11 साल की मीनाक्षी और सात साल के बेटे आकाश के साथ मनोहर पार्क के एक मकान की तीसरी मंजिल पर स्थित एक कमरे में किराए पर रहते थे। वह अशोका पार्क मेन में निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत हैं। वह रविवार रात में ड्यूटी पर मौजूद थे। रात करीब आठ बजे सविता अपने कमरे के एक कोने में बनी रसोई में खाना बनाने के लिए गैस चूल्हा जला ही थी। इसी दौरान रेगुलेटर से गैस रिसाव होने लगा और अचानक आग भड़क गई। आग वहां टंगे कपड़े समेत पूरे कमरे में फैल गई। आग लगते ही मीनाक्षी बाहर निकल गई। जबकि साक्षी और आकाश कमरे में फंस गए। मां ने दोनों बच्चों को बचाने की कोशिश की लेकिन वह इसमें कामयाब नहीं हो पाई।

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घटनास्थल मौजूद लोग
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मकान मालिक और उसका बेटा झुलसा
मां और बेटी के शोर मचाने पर आस पास रहने वाले किराएदार और मकान मालिक का बेटा संदीप वहां पहुंचे। संदीप ने कमरे में घुसकर झुलसे हुए दोनों बच्चों को बाहर निकाला। बच्चों के बचाने के क्रम में वह झुलस गए। लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को तुरंत पास के आचार्य भिक्षु अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। जबकि संदीप का इलाज चल रहा है। उनका दोनों हाथ और चेहरा झुलस गया है। जिला पुलिस उपायुक्त विचित्र वीर ने बताया कि पुलिस आग लगने के कारणों की जांच कर रही है।

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गमगीन मां
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मां को नहीं दी गई है बच्चों की मौत की सूचना
एक मां के दिल पर क्या बीत रही होगी इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं। उसके सामने ही दो मासूम आग में झुलस गए। दोनों ने दरवाजे पर खड़ी मां से बचाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन मां चाह कर भी अपने बच्चों को नहीं बचा पाई। घटना के बाद से बच्चों की मां सविता स्तब्ध है। वह इस बात से अंजान है कि इस घटना ने उसके हंसते खेलते दोनों बच्चे की मौत हो गई है। लोगों ने उसे अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी है और न ही उन्हें किसी से मिलने दिया जा रहा है।