
प्रदेश सरकार के 8 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार को आगरा आगमन के दाैरान राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर करणी सेना के बवाल ने पुलिस की सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एत्मादपुर के कुबेरपुर से लेकर थाना हरीपर्वत स्थित सांसद आवास तक 20 किलोमीटर की दूरी में पुलिस कार्यकर्ताओं को रोकने में पुलिस नाकाम साबित रही। आवास पर छिपकर बैठे करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने पुलिस की तैयारी को धता बताते हुए बवाल कर दिया। गाड़ी की छत पर बैठे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को चार बैरियरों पर रोकने में भी पुलिस नाकाम रही। 50-60 पुलिसकर्मी करणी सेना के कार्यकर्ताओं के वेग के आगे नहीं टिक सके। यह पुलिस लापरवाही का जीता जागता नमूना है।
करणी सेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सुबह 10 बजे से ही कुबेरपुर स्थित एक्सप्रेस-वे पुल के नीचे इकट्ठा होना शुरू कर दिया था। यहीं पर करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर प्रताप सिंह और क्षत्रीय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र चाैहान आए थे। कार्यकर्ता 100 से अधिक चार पहिया और दोपहिया वाहनों पर सवार थे। दो बुलडोजर भी बुलाए गए थे। इस प्रदर्शन की जानकारी एलआईयू को भी रही होगी। तब पुलिस अधिकारियों को अवगत क्यों नहीं कराया गया। इसकी जानकारी पर एक घंटे बाद थाना एत्मादपुर के इंस्पेक्टर क्राइम रवेंद्र कुमार राठी फोर्स के साथ पहुंचे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास किया। उनकी तीखी तकरार हुई। इसके बाद दोनों राष्ट्रीय अध्यक्ष बुलडोजर पर सवार होकर आगरा के लिए चल दिए।
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Karni Sena ruckus
– फोटो : अमर उजाला
इसकी जानकारी पर एसीपी एत्मादपुर पियूष कांत राय फोर्स के साथ पहुंच गए। मगर, तब तक पदाधिकारी और कार्यकर्ता आगे बढ़ गए थे। तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी में करणी सेना को पुलिस ने छलेसर और वाटरवर्क्स पर रोकने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस फेल रही। बुलडोजर से उतरकर पदाधिकारी यमुना किनारा मार्ग, जीवनी मंडी होते हुए हरीपर्वत तक पहुंच गए। उधर, पुलिस भगवान टाकीज पर इंतजार करती रह गई। हरीपर्वत आने की जानकारी पर इंस्पेक्टर आलोक सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मी पहुंच गए। वह डंडे लेकर बैरियर लगाकर गाड़ी को रोकने की कोशिश में रुक गए। लेकिन नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता गाड़ी लेकर आगे जाते रहे। बाद में कार्यकर्ता सांसद के आवास पर पहुंच गए।
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लाठी-डंडे और तलवार लेकर आए, दलितों को दबाने का प्रयास
सांसद रामजीलाल सुमन के पुत्र पूर्व विधायक जलेसर रणजीत सुमन ने कहा है कि लगातार जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। जो सोशल मीडिया पर प्रचार किया जा रहा है। जो लोग अपने बारे में बता रहे हैं। उसकी जानकारी सभी लोगों को है। सत्ता पक्ष को भी पता है। मगर, ऐसे लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उनको सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस प्रशासन की माैजूदगी में घर पर हमला बोला जा रहा है। पूरी तरह से दहशत का माहाैल है। घर में तोड़फोड़ और मारपीट की गई। कार्यकर्ता लाठी-डंडे और तलवार लेकर आए थे। घर में घुसने का प्रयास किया। पुलिस ने आश्वासन दिया था कि कोई घटना नहीं होने दी जाएगी। कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। जो माहाैल है, वह बहुत बड़े स्तर पर दलितों को दबाने का प्रयास है।
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टक्कर मारकर खोला कॉलोनी के गेट का ताला, दरोगा को मारा डंडा
एचआईजी काॅलोनी के इंचार्ज सुनील रावत ने बताया कि पुलिस के आदेश पर काॅलोनी के मुख्य गेट पर ताला लगाया जा रहा था। तभी लोग आ गए। दरोगा भी खड़े थे। तभी 40-50 लोगों ने घुसने का प्रयास किया। साफा बंधे हुए लोग थे। डंडे मारने लगे। एक डंडा दरोगा के लग गया। गाड़ी से टक्कर मारकर गेट तोड़ दिया गया। 20 मिनट तक बवाल करने के बाद उपद्रवी भाग गए।
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दलित नेता व सांसद और उनका परिवार भी सुरक्षित नहीं
सांसद सुमन के प्रतिनिधि धर्मेंद्र यादव गुल्लू ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से तमाम लोग सांसद रामजीलाल सुमन पर प्राणघातक हमला करने की धमकी दे रहे हैं। चुनाैती देते हुए अवांछनीय तत्वों ने हमला किया। अगर, परिवार के लोग होते तो बड़ी घटना हो सकती थी। तोड़फोड़ करके भय का माहाैल पैदा किया गया। कुबेरपुर से लोग हमला करने के लिए आए। पुलिस-प्रशासन भी असहाय था। पुलिसकर्मियों को भी चोट आई। सोचना पड़ेगा कि दलित नेता व सांसद और परिवार सुरक्षित नहीं है तो आम आदमी का क्या हाल होगा।