बीते वर्ष अतिवृष्टि के कारण मलबे और बोल्डरों में दबे तप्तकुंड का पुनरुद्धार कर दिया गया है। करीब एक माह की कड़ी मेहनत के बाद तप्तकुंड में फिर से गर्म पानी की धार फूटने लगी है। अब केदारनाथ यात्रा में आने वाले श्रद्धालु तप्तकुंड में आचमन और स्नान कर सकेंगे। यात्रा तक इस स्थल को और अधिक सुरिक्षत और सुलभ बना दिया जाएगा।
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केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में तप्तकुंड और तर्पण कुंड भी है। इन कुंड में श्रद्धालु स्नान करने के साथ अपने पितरों को तर्पण देते हैं। बीते वर्ष 31 जुलाई को केदारनाथ पैदल मार्ग पर अतिवृष्टि से मंदाकिनी के सैलाब से तप्तकुंड मलबे और बोल्डरों से दब गया था। बीते फरवरी माह में केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने गौरीकुंड का निरीक्षण कर तप्तकुंड में जमे मलबे को हटाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने इसके लिए खंड विकास कार्यालय ऊखीमठ को जिम्मेदारी सौंपी और अलग से धनराशि जारी की। बीडीओ अनुष्का के मार्गदर्शन और जेई संदीप थपलियाल के नेतृत्व में 30 मजूदरों ने एक माह में तल से ढाई मीटर ऊपर तक जमे मलबे और बोल्डरों को हटाया और तप्तकुंड को पुनर्जीवित कर दिया। मलबा हटाने के बाद इसमें गर्म पानी की धार फूट पड़ी।
पानी को पूर्व में बनाए गए ताल में एकत्रित किया जा रहा है जहां यात्री स्नान कर सकेंगे। खंड विकास कार्यालय के जेई संदीप थपलियाल ने बताया कि गर्म पानी का स्रोत सुरक्षित है और पानी की गर्माहट पहले जैसी है। यात्रा शुरू होने से पूर्व तप्तकुंड क्षेत्र को और अधिक सुरक्षित बना दिया जाएगा। इस कार्य में गौरीकुंड के पूर्व ग्राम प्रधान मायाराम गोस्वामी और पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी सहित स्थानीय लोगों का सहयोग मिला।